पाठ 08 नानी के घर तक
18 मई
ट्रेन के लंबे सफ़र के बाद हम देर रात कोट्टायम पहुँचे। वलियम्मा का घर स्टेशन से बहुत दूर नहीं है। स्टेशन से हमने दो ऑटो-रिक्शॉ किए और वलियम्मा के घर पहुँचे। मुझे इतनी नींद आ रही थी। मैं नहा कर, कुछ खाए-पिए बिना ही सो गई। अभी मैं सोई ही थी कि अम्मा ने जगा दिया। फिर हम तैयार हुए, अपना सामान उठाया और बस अड्डे के लिए निकल पड़े। अब वलियम्मा का पूरा परिवार भी हमारे साथ था। हम दस लोग थे और बहुत सारा सामान भी था।
अप्पा ने कंडक्टर से सभी के लिए टिकट खरीदे और हम बस में चढ़ गए। हमें बैठने की सीट मिल गई, पर बाद में बस में इतने लोग चढ़ गए कि बस ठसाठस भर गई। दो लोगों की सीट पर चार-चार लोगों को बैठना पड़ा! कुछ लोगों को हमने भी अपनी सीटों पर बिठा लिया।
काफ़ी लंबा सफ़र था। बस जब आखिरी स्टॉप पर रुकी, तब तक मेरे पैर अकड़ गए थे। मुझसे खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था।
मैं खुश थी कि आखिरकार हम अम्मूमा के गाँव पहुँच ही गए। पर नहीं, सफ़र अभी भी बाकी था। बस ने हमें जहाँ उतारा, वहाँ एक तरफ़ पानी ही पानी था। अम्मा ने दूर पानी के पार इशारा किया, जहाँ अम्मूमा का घर था और कहा, “वो देखो! हमें वहाँ पहुँचना है।” “पर हम वहाँ कैसे पहुँचेंगे?” मैंने सोचा।
अभी मैं यह सोच ही रही थी कि पानी के पार कैसे जाएँगे कि तभी एक बड़ी-सी नाव किनारे पर रुकी। अम्मा बोलीं, “लो, फ़ैरी आ गई।” फ़ैरी में से बहुत सारे लोग उतरे। स्कूल के बच्चे, औरतें, आदमी, सभी अपना-अपना सामान लिए थे। अम्मा ने बताया कि वहाँ पर पानी के दूसरी तरफ़ जाने के लिए केवल फ़ैरी का ही इस्तेमाल होता है।
जैसे ही फ़ैरी खाली हुई, चढ़ने वालों की भीड़ लग गई। सभी को चढ़ने से पहले किराया भरना था। देखते-ही-देखते फ़ैरी भर गई और पानी पर चल पड़ी।
मैं तो रेलिंग के पास ही खड़ी आस-पास देखती रही। फ़ैरी तेज़ी से पानी पर फिसल रही थी, जिससे आस-पास का पानी उछल रहा था। किनारे पर नारियल के पेड़ कतार में लगे थे। वहीं किनारे पर, कहीं लोग नहा रहे थे और कहीं मछली पकड़ रहे थे। कुछ लोग कपड़े भी धो रहे थे।
सूरज ढलने से पहले ही फ़ैरी अपने ठिकाने (टापू) पर पहुँच गई और हम भी पहुँच गए अम्मूमा के घर, इतने लंबे पर मज़ेदार सफ़र के बाद!
-
ओमना ट्रेन से उतरने के बाद कई वाहनों में बैठी। क्या तुम्हें उनके नाम याद हैं?
_______________________________________________________________________________ -
तुम किन-किन वाहनों में बैठे हो?
_______________________________________________________________________________ -
तुम्हें सबसे ज़्यादा मज़ा किस वाहन में सफ़र करने पर आया? क्यों?
_______________________________________________________________________________ -
ओमना अहमदाबाद से 16 मई को चली थी। अम्मूमा के घर पहुँचने में उसे कितने घंटे लगे?
_______________________________________________________________________________ -
क्या तुम कभी लंबे सफ़र पर गए हो? कहाँ गए थे?
_______________________________________________________________________________ -
उस सफ़र पर तुम किन-किन वाहनों पर बैठे थे? उनके नाम लिखो।
अध्यापक के लिए-केरल के कई भागों में, एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए फ़्रैरी और अन्य 62 तरह की नावों का इस्तेमाल होता है। चर्चा करो, ये क्यों प्रयोग होती हैं? तुम बच्चों से उनकी नाव की सवारी के बारे में भी पूछ सकते हो, जिसकी उन्होंने सवारी की थी।
-
तुम्हारे सफ़र में कितना समय लगा था?
_______________________________________________________________________________ -
ओमना के अप्पा ने ट्रेन, बस और फ़ैरी के सफ़र के लिए टिकट खरीदा। बताओ और किन-किन वाहनों में जाने के लिए टिकट खरीदना पड़ता है?
_______________________________________________________________________________ -
कुछ जगहों पर अंदर जाने के लिए टिकट खरीदना पड़ता है। क्या तुम ऐसी किसी जगह के बारे में जानते हो? उनके नाम लिखो।
_______________________________________________________________________________ -
रेल-टिकट देखो। नीचे दी गई बातों को टिकट में ढूँढ़कर, उन पर अलग-अलग रंगों से गोला लगाओ और चर्चा करो।
-
ट्रेन का नंबर ____________________________
-
सफ़र शुरू होने की तारीख ____________________________
-
बर्थ एवं डिब्बे के नंबर ____________________________
-
किराया ____________________________
-
दूरी (कि.मी. में) ____________________________
तुम टिकट देखकर और क्या-क्या बातें पता लगा सकते हो? लिखो।
रेलवे टाइम-टेबल से हमें बहुत-सी जानकारी मिलती है, जैसे ट्रेन किस स्टेशन पर किस समय पहुँचेगी, किस समय स्टेशन छोड़ेगी, कितनी दूरी तय करेगी, आदि। हम किसी भी रेलवे स्टेशन से रेलवे टाइम-टेबल खरीद सकते हैं।
ओमना ने जिस ट्रेन में सफ़र किया, उसके टाइम-टेबल का कुछ अंश देखो, समझो और नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दो।
16335 गाँधीधाम नगरकोल एक्सप्रैस
क्रम. | स्टेशन | पहुँचने | स्टेशन छोड़ने | दूरी | दिन |
---|---|---|---|---|---|
स. | का नाम | का समय | का समय | ( कि.मी. ) | |
1. | गाँधीधाम | - | $5: 15$ | 0 | 1 |
2 | अहमदाबाद | $11: 30$ | $11: 50$ | 301 | 1 |
3. | वड़ोदरा | $14: 03$ | $14: 10$ | 401 | 1 |
4. | सूरत | $16: 15$ | $16: 20$ | 530 | 1 |
5. | वलसाड़ | $17: 23$ | $17: 25$ | 598 | 1 |
6. | भिवंडी रोड | $21: 10$ | $21: 12$ | 772 | 1 |
7. | मडगाँव | $07: 35$ | $07: 45$ | 1509 | 2 |
8. | उदिपी | $12: 06$ | $12: 18$ | 1858 | 2 |
9. | कोज़ीकोड | $17: 45$ | $17: 50$ | 2165 | 2 |
10 | त्रिचूर | $21: 05$ | $21: 10$ | 2280 | 2 |
11. | एरनाकुलम टाउन | $22: 35$ | $22: 40$ | 2356 | 2 |
12. | कोट्टायम | $23: 50$ | $23: 55$ | 2418 | 2 |
13. | त्रिवेंद्रम सेंट्रल | $03: 05$ | $03: 10$ | 2578 | 3 |
14. | नगरकोइल | $04: 45$ | $00: 00$ | 2649 | 3 |
-
तालिका में उन सभी स्टेशनों के नाम पर गोला लगाओ, जिनका नाम ओमना की डायरी में आया है।
_______________________________________________________________________________ -
ट्रेन किस स्टेशन से चली थी?
_______________________________________________________________________________ -
ट्रेन अहमदाबाद स्टेशन पर कितनी देर रुकी?
_______________________________________________________________________________ -
ट्रेन सफ़र के कौन-से दिन मडगाँव पहुँची?
_______________________________________________________________________________ -
सुनील और एन कोज़ीकोड स्टेशन पर उतरे और ओमना कोट्टायम स्टेशन पर। कोज़ीकोड स्टेशन के कितने घंटे बाद कोट्टायम स्टेशन आता है?
_______________________________________________________________________________ -
ट्रेन ने शुरू के स्टेशन से अंत तक कितने किलोमीटर का सफ़र पूरा किया?
_______________________________________________________________________________ -
ओमना ने ट्रेन से कितने किलोमीटर का सफ़र पूरा किया?
_______________________________________________________________________________ -
क्या तुम एक डायरी रखना पसंद करोगे? एक डायरी या कॉपी लो। डायरी में रोज़ किसी एक सप्ताह तक की खास बातें और उनके बारे में अपने विचार लिखो। अपनी और अपने दोस्तों की डायरी मिलकर पढ़ो।
अध्यापक के लिए-हो सके तो रेलवे टाइम-टेबल बच्चों को दिखाएँ। उसे पढ़ने में उनकी मदद करें। रेलवे टाइम-टेबल से गणित और भूगोल की बहुत सारी मज़ेदार क्रियाएँ की जा सकती हैं। बच्चों को सुरक्षित पानी, स्वच्छता, रैंप आदि की उपलब्धता के लिए अपने नजजदीकी रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करने में मदद करें।