संवेग की क्षणिकता और लंबक और समांतर मांयांत्रिक विधियों का विषय

यहांगितबल,लंबवत और समवर्ती धनभारकाणसूत्र:

समवर्ती धनभारकाणसूत्र:

  • किसी धनभारकाणको किसी समयसर्वकके मुक़ाबले धनभारकाण = समयसर्वकके समवर्ती सुंदर केंद्रलाभार्धके मुक़ाबले धनभारकाण + (कुल धनभार) x (दोनों धनभारकाणके बीचके दूरीका वर्ग)

लंबवत धनभारकाणसूत्र:

  • किसी रेखासे धनभारकाणके लंबवत धनभारकाण = दोनों रेखाके अँतर्गत धनभारकाणोंके योग

समान एककीय रडके समवर्ती धनभारकाणसूत्र:

  • एक अक्षके अँतडके रडके धनभारकाण = (1/3) x (रडका धनभार) x (रडकी लंबाई)^2

महत्वपूर्ण बिंदु:

  • धनभारकाण संचार और घूर्णनकाण पर निर्भर करता है।
  • इससे एक वस्तु की कक्षणकाण तेजी के विपरिधानको मापा जाता है।
  • एक तत्वों के समूह का धनभारकाण वैयक्तिक तत्वों के धनभारकाणोंका योग होता है।
  • एक खोखले वस्तु का धनभारकाण समान धनभार और आकृति वाली दृढ़ वस्तु से अधिक होता है।


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