मानव शारीरिक विज्ञान: श्वासन और गैसों का आपूर्ति-प्रदान विषय

साँस लेना और ऊष्मा का विनिमय


अवधारणाएं:

  • श्वसन तंत्र: फेफड़े, श्वसन मार्ग, श्वसनीय मांसपेशियाँ और मस्तिष्क के मध्य प्रांत में स्थित श्वसन केंद्र से मिलकर बना होता है।
  • श्वास की यांत्रिकी: पेटकोश और कोस्टल मांसपेशियों के संकुचन और आराम के कारण प्रांवाहिकता और निर्वाह के माध्यम से अंदर और बाहर की श्वास लेने को कहते हैं।
  • ऊष्मा विनिमय: ऑक्सीजन खून में घुलकर आता है और कार्बन डाइऑक्साइड निकलता है, यह अल्वेयोली में होता है।
  • श्वसन मात्राएं और क्षमताएं: समुद्री वाष्प त्रिवृत्ति, अवशिष्ट चयापचय मात्रा, प्राणवाही भंडार, उद्गारणवाही भंडार और कुल फेफड़ों की क्षमता आदि शामिल होती है।
  • श्वसन गैसों का परिवहन: ऑक्सीजन खून में हीमोग्लोबिन के साथ बाँधा जाता है, जबकि कार्बन डाइऑक्साइड बाइकार्बोनेट आयनों और कार्बामिनोहीमोग्लोबिन के रूप में परिवहित किया जाता है।
  • श्वसन का नियंत्रण: श्वासन केंद्र द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जो मस्तिष्क के मध्य प्रांत में स्थित होता है, जबकि यह रक्त में कार्बन डाइऑक्साइड और ऑक्सीजन के अधिकांश पार्श्वी दबावों में परिवर्तन का उत्तर देता है।
  • श्वसन सार्वजनिकभाविताएं: शारीरिक या मानसिक व्यायाम, ऊचाई और अन्य स्थितियों के प्रतिक्रिया के प्रतिसाद में श्वसन दर, समुद्री वाष्प की मात्रा और श्वास की गहराई में समायोजन।
  • श्वसन तंत्र के विकार: इसमें अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, एम्फिज़ीमा, फेफड़े का कैंसर और निमोनिया जैसे उदाहरण शामिल हैं।


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