Employee Provident Fund And Miscellaneous Provisions Act, 1952

कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952

कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952, एक ऐसा अधिनियम है जो भारत की संसद द्वारा बनाया गया है और जिसे भारत के कर्मचारियों के लिए भविष्य निधि, पेंशन और बीमा योजनाओं को व्यवस्थित करने के लिए प्रबंधित करता है। यह अधिनियम 4 मार्च 1952 को लागू किया गया था और यह 1 नवंबर 1952 को प्रभावी हुआ।

अधिनियम की प्रमुख प्रावधानें

कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952, के मुख्य प्रावधानों में शामिल हैं:

  • भविष्य निधि: इस अधिनियम के अनुसार, नियोक्ताओं को अपने कर्मचारियों की वेतन से निश्चित टक्कर भविष्य निधि में योगदान करना अनिवार्य है। कर्मचारी भी अपने वेतन की निश्चित टक्कर भविष्य निधि में योगदान करते हैं। भविष्य निधि एक सेवानिवृत्ति बचत योजना है, और कर्मचारी अपने पूरे होने के बाद भविष्य निधि से अपने पैसे निकाल सकते हैं।
  • पेंशन: अधिनियम अनुसार, नियोक्ताओं को अपने कर्मचारियों की वेतन से निश्चित टक्कर पेंशन निधि में योगदान करना अनिवार्य है। कर्मचारी भी अपने वेतन की निश्चित टक्कर पेंशन निधि में योगदान करते हैं। पेंशन निधि एक सेवानिवृत्ति बचत योजना है, और कर्मचारी सेवानिवृत्ति के बाद से ही अपनी पेंशन प्राप्त कर सकते हैं।
  • बीमा: अधिनियम अनुसार, नियोक्ताओं को अपने कर्मचारियों को बीमा कवर उपलब्ध कराना अनिवार्य है। बीमा कवर में जीवन बीमा, अक्षमता बीमा और चिकित्सा बीमा शामिल होती है।
अधिनियम की लागूता

कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952, 20 या उससे अधिक कर्मचारी रखने वाले सभी संगठनों पर लागू होता है। हालांकि, इस नियम का कुछ छूट हैं। उदाहरण के लिए, यह अधिनियम उन संगठनों पर लागू नहीं होता है जो कृषि, वानिकी या मत्स्य प्रवृत्ति में लगे होते हैं।

अधिनियम का प्रशासन

कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952, का प्रशासन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा किया जाता है। EPFO एक सांविधिक निकाय है जो भारत में कर्मचारियों के लिए भविष्य निधि, पेंशन और बीमा योजनाओं के प्रशासन के लिए जिम्मेदार है।

निष्कर्ष

कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952, एक महत्वपूर्ण विधान है जो भारत में कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करता है। अधिनियम नियोक्ताओं को अपने कर्मचारियों के भविष्य निधि, पेंशन निधि और बीमा कवर में योगदान करने की आवश्यकता होती है। अधिनियम इन योजनाओं के प्रशासन के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की जिम्मेदारी भी देता है।